Monday, April 9, 2007

मेरा नन्हा सा श्लोक.....


तेरे आने से बागों में और बहार आ गई ,
मुस्कुहाटों की जगह हँसी की बरात आ गई,
आसमाँ जैसा आचँल हैं मेरा जिसमें,
चाँद के साथ साथ सुरज की रोशनी आ गई,
लाल उगते सुरज के समान नन्हा सा चेहरा तेरा ,
जिससे जिंदगी एक नई रोशनी पा गई.
एक नये फुल सी महक लिये,
तेरे आने से मेरी मन की आशा पुरी हो गई.

No comments: